Novel Hisar e Ana chapter 22 part 2 by Elif Rose new novel in hindi

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क़रीब एक घंटे बाद जब सबीहा कमरे में आईं तो नींद राहेमीन पर महरबान हो चुकी थी।
वह दाएं करवट लेटी थी।
एक हाथ गाल के नीचे तो दूसरा पेट पर रखा था।
वह उसके पास आईं और बैठ कर बगौर उसका मासूम चेहरा देखे गईं।
गोरी रंगत, इंतेहाई दिलफरेब नैन नकूश।
कमर तक आते काले सिल्की बाल बिखरे हुए थे।
उन्होंने मोहब्बत से उसके बालों में हाथ फेरा।

“मुझे ग़लत मत समझना मेरी जान।” उसकी बंद पलकों को देखते वह सरगोशी में बोलीं थीं।
“चाहे पूरी दुनिया मुझे गलत समझ ले मगर तुम….तुम अपनी मां को गलत मत समझना। यह सब तुम्हारी भलाई के लिए कर रही हूं मैं। तुम्हारे बेहतरीन फ्यूचर के लिए।
सबीहा मीर ने दुनिया में सबसे बढ़ कर तुम्हें चाहा है और…. और उस लड़के ने तुम्हें ही तकलीफ़ दी।” उनकी आवाज़ में लरजिश आई। आंखों में गुज़रे माहो-साल के कितने ही मंज़र घूमे थे। “उस लड़के ने तुम्हारी सारी शोख शरारतें छीन ली। कितनी उम्र ही है तुम्हारी अभी? सिर्फ़ बीस साल ….. और इतनी सी उम्र में तुम इतनी संजीदा हो गई। मुस्कुराना तक भूल गई।”
एक लम्हें को चुप हुईं।

दोबारा बोलीं तो लहज़ा मज़बूत था।
“लेकिन तुम परेशान मत होना। तुम्हारी मां, सब पहले जैसा कर देगी। कोई ना कोई रास्ता निकाल है लूंगी उस ख़ुदग़र्ज़ इंसान से तुम्हें आज़ाद कराने के लिए। बस तुम मुझ पर भरोसा रखना।”
उन्होंने झुक कर उसकी पेशानी(forehead) को चूमा और उठ कर उसके पास ही बेड पर लेट कर आंखें मूंद गईं।
उनके बगल में लेटी राहेमीन ने आहिस्ता से पलकें खोली थीं।
कब से रुका आंसू चुपके से आंखों के किनारे से निकल कर तकिए में जज़्ब हुआ था।

नोट – इस कहानी को चुराने या किसी भी प्रकार से कॉपी करने वाले पर क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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Hisar e ana chapter 1

3 thoughts on “Novel Hisar e Ana chapter 22 part 2 by Elif Rose new novel in hindi

  1. Story bahut achi hai or aage bhi padhne ki dilo khwahish h please next part jaldi post kijiega

  2. Story behd pyaari hai Or ise aage padhne ki dilo khwahish please next part jaldi post kijiega.

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