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Novel Hisar e Ana chapter 20 part 5 by Elif Rose

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यह वहाज के घर का मंज़र था।
सबीहा मीर सबको हकीक़त से आगाह कर चुकी थीं।
उनके भाई भाभी तो कई लम्हें कुछ बोल ही नहीं पाए।
वहाज की दोनों बहनें हिना और हिबा कभी सर झुकाए खड़ी राहेमीन को तो कभी सोफे पर बैठे अपने भाई को देख रहीं थीं जो बिल्कुल ख़ामोश बैठा था। अलबत्ता होंठ भिंचे हुए थे।
“तो अब क्या करोगी तुम सबीहा?” वहाज के पापा बोले।
“मुझे नहीं पता भाई……बस मैं उस घर में तब ही वापस जाऊंगी जब वह लड़का मेरी बेटी को आज़ाद करेगा।” वह एक नज़र वहाज पर डाल कर बोलीं थी।

उनकी भाभी के माथे पर बल पड़े।
“मेरे खयाल में तुम्हे इस रिश्ते को क़ुबूल कर लेना चाहिए।”
वह अब हरगिज़ भी अपने बेटे के लिए उनको उम्मीद नहीं दिलाना चाहती थीं।
सबीहा ने आंसू पोंछते कर भाभी को देखा।
“वह घटिया लड़का मेरी मासूम बेटी के लायक नहीं है भाभी। आप लोग अगर मेरा साथ नहीं देना चाहती तो कोई बात नहीं। मैं राहेमीन को लेकर कहीं और चली जाती हूं लेकिन यह तो तय है, उस लड़के को मैं अपनी बेटी कभी नहीं दूंगी।” अटल लहज़े में कहते हुए वह खड़ी हुईं और शर्मिंदा खड़ी राहेमीन का हाथ पकड़ कर वहां से जाने के लिए क़दम बढ़ाए।

“आप कहीं नहीं जाएंगी फुफ्फो।” वहाज अचानक बोला।
सब चौंक कर उसे देखने लगे। वह उठकर चलता हुए उनके सामने आ खड़ा हुआ।
“मैं आपके साथ हूं। आपने सही किया यहां आ कर। तलाक़ लेने के लिए आपको जो करना पड़े करिए। मैं आपके साथ हूं।” एक एक लफ्ज़ पर ज़ोर देते वह बोला।
राहेमीन ने बेयकीनी से उसे देखा जबकि सबीहा का चेहरा खुशी से खिला।
उसने उनका मान रख लिया था।
“मैं ऐसे ही तो तुम्हें हीरा नहीं कहती। लाखों में एक हो तुम।”
बहुत मोहब्बत से उसके सर पर हाथ फेरा।
बाकी सब ख़ामोश हो गए थे।
वहाज का कहा हमेशा से ही सबके लिए पत्थर की लकीर हुआ करता था।
अगर वह अब भी राहेमीन में इंटरेस्ट ले रहा था तो वह लोग भी उसकी ख्वाहिश पर राज़ी थे।

वहाज ने अपनी फुफ्फो के बगल में खड़ी राहेमीन को देखा।
वह वाकई ऐसी थी कि उसके लिए लड़ा जाए।
“हिना!” उसने अपनी बहन को पुकारा।
“जी भाई।” वह आगे आई।
“फुफ्फो और राहेमीन को उनका कमरा दिखा दो।” मुस्कुरा कर कहा।
“अच्छा।”
हिना सबीहा और राहेमीन को अपने साथ लिए अंदर की तरफ बढ़ गई।
उनके जाते ही वहाज हसन के चहरे के तास्सुरात बदले।
मुस्कुराहट सिमटी और आंखों से गोया चिंगारी फूटने लगी।
to be continued……

नोट – इस कहानी को चुराने या किसी भी प्रकार से कॉपी करने वाले पर क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी।

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Hisar e ana chapter 1

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