• Tue. Mar 28th, 2023

Hindustan Hindi News

Bollywood, Hollywood, Cricket, IPL, Politics and all kind of Hindi News Across Country

Novel Hisar e Ana chapter 17 part 3 by Elif Rose Story in Hindi

Story in Hindi

Story in Hindi

“बदर की शादी फिक्स हो गई है।”
“व्हाट?” वह उठ कर बैठा। “कब….किस्से?”
“कमाल भाईसाहब की बेटी समरा से। जब तुम आओगे मंगनी का फंक्शन रख लेंगे।” उन्होंने एक फैमिली फ्रेंड का बताया।
“That’s great………तो क्या मैं उम्मीद रख सकता हूं कि अगली बारी मेरी है।” उसे शरारत सूझी।
“ख़ैर है देवर जी, कोई पसंद तो नहीं आ गई?” भाभी से रहा नहीं गया।
अली गड़बड़ाया। ज़हन के पर्दे पर एक चेहरा नमूदार हुआ था।
“आपकी खयाली पुलाव बनाने की आदत गई नहीं अभी तक?”
“टालो मत। तुम एक काबिल वकील के सामने बैठे हो।” फिर अपनी सास को देखा। “Mama something is fishy here.” वह भी अपने नाम की एक थीं। सास को अपने साइड करना चाहा।
“मेरा बेटा जब चाहेगा, जिससे चाहेगा मैं उसे बहू बना कर ले आऊंगी।” ममा बहुत मोहब्बत से बोलीं थीं।
अली बग़ैर कुछ बोले बस हंस कर रह गया।

Story in Hindi

यूं ही बहुत सारा अच्छा वक़्त गुज़ारने के बाद शाम को वह लोग सारा भाभी के मायके चले गए जो कि इसी शहर में था। कुछ वक़्त वहां गुज़ार कर उन लोग को वापस होना था।
उन सब के जाने के बाद कमरे में आकर वह अपने बिस्तर पर ढेर हो गया।
कुछ देर लेटे रहने के बाद हाथ बढ़ा कर साइड टेबल पर पड़ा अपना मोबाइल उठाया।
आज डेनिज़ का रिज़ल्ट आने वाला था।
वह वहां जाता लेकिन ममा लोग के आने पर इरादा कैंसिल कर महक को मैसेज कर दिया था।
उसने गैलरी खोली और यूं ही फोटोज़ देखने लगा।
महक की एक फोटो पर आकर वह रुक गया।

वह कॉलेज कैंटीन में बेसब्रों की तरह नूडल्स खा रही थी जब अली ने उसकी फोटोज़ क्लिक करनी शुरू कर दी थी। चिढ़ कर, गुस्सा होते हुए वह उसे मना करने लगी थी लेकिन वह नहीं रुका। आखिर में वह हंस दी थी। यूं उस पल की कई फोटोज़ में से यह एक हंसती हुई फोटो भी क्लिक हो गई थी। वह किसी अनजाने एहसास में घिरा उसकी यह फोटो देखे गया।
कल उससे हुई मुलाक़ात में अली को लगा था कि वह कभी इस लड़की से दस्तबरदार नहीं हो सकेगा। कोई जज़्बा था जिसमें वह दिन बा दिन घिरता जा रहा था।

महक के कहे गए अल्फ़ाज़ उसके कानों में गूंज रहे थे।
“मैं जॉब करना चाहती हूं। मैं अपनी फ़ैमिली को कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने देना चाहती। पापा मुझे शेर बेटा कहते थे। मैं वाक़ई शेर बेटा बन कर दिखाऊंगी।”
उसने महक को फाइनेंशियली मदद की ऑफर की थी लेकिन वह बिल्कुल नहीं मानी।

Story in Hindi

अभी वह फोटो देख ही रहा था जब उसकी कॉल आ गई।
“कहां थे तुम आज?” उसके कॉल रिसीव करते ही वह बोली थी।
“यार ममा पापा लोग आ गए थे। तुम्हें व्हाट्सएप किया तो था।”
“ओह मैंने चेक ही नहीं किया मैसेज। कैसे हैं अंकल आंटी?”
“ठीक हैं अलहम्दुलिल्लाह। तुम बताओ, डेनिज़ के रिज़ल्ट का क्या बना?”
“उसने अपने स्कूल में टॉप किया है अली।” वह एक दम पुरजोश हुई।
“Wow, that’s amazing.”

“हां अली। पापा होते तो कितना खुश होते।” वह कहते कहते चुप हुई थी।
अली भी कुछ उदास हुआ।
“वह इस वक़्त जहां भी होंगे, I hope कि बहुत खुश होंगे महक।”
महक ने इस बार जवाब नहीं दिया।
अली कुछ देर उसके बोलने का इंतज़ार करता रहा लेकिन जब वह ना बोली तो उसने पुकारा।
“महक!”
उधर महक ने अपने आंसू पोंछते हुए लहज़े को फिर हश्शाश बश्शाश बनाया।
“एक और गुड न्यूज़ है।”
“वह क्या?” वह चौंका।
to be continued…..

facebook page Elif Rose novels

instagram page @elifrosenovels

Hisar e ana chapter 1

Hisar e ana chapter 2

One thought on “Novel Hisar e Ana chapter 17 part 3 by Elif Rose Story in Hindi”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *