Hisar e Ana chapter 5 : The Siege of Ego chapter 5 by Elif Rose
HIsar e Ana chapter 5 “बिना बताए इतने अचानक?।” सबीहा हैरान थीं। असफन्द मुस्कुराते हुए आगे बढ़ा और दोनों को सलाम करने के साथ ही इलयास मीर की तरफ मुतावाज्जह…
Hisar e Ana chapter 4 : The Siege of Ego chapter 4 by Elif Rose
Hisar e Ana chapter 4 सबीहा राहेमीन की हालत देखते ही घबरा गई थीं।क्या हुआ तुम्हारे पैर में?” उसे सहारा देते हुए अंदर ले जा रहीं थीं।“साइकिल से टक्कर लग…
हिसार ए अना – The siege of ego written by Elif Rose : Chapter 1
the siege of ego‘ अनायह एक लफ्ज़ अपने अंदर कितना मुनफीपन लिए हुए है न?एक बार अपने पीछे किसी को लगा ले तो बस…… फिर इंसान कहीं का नहीं रहता।…